अशांत
Monday, August 29, 2011
औरत
प्रेम में
शांत,निश्चल,तरल नदी
बन जाती है
औरत,
उदासी में
प्यासी नदी
बन जाती है
औरत,
अकेलेपन में
बहती नदी
बन जाती है
औरत
और क्रोध में
उफनती नदी
बन जाती है
औरत
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