जब-जब
सूखी है उफनती नदी
लगा है
रोई है कोई लड़की,
जब-जब
मटमैला हुआ है मौसम
लगा है
मायूस हुई है कोई लड़की,
जब-जब मद्धिम पड़ी है चांदनी
लगा है
गुम हुई है कोई लड़की,
जब-जब
दरका है शीशा
लगा है ठेस खायी है कोई लड़की,
जब-जब
फनफनाई है नागफनी
लगा है
कटीले तारों से
घिरी है कोई लड़की,
जब- जब
उठा है धुआं
लगा है
आग के हवाले हुई है कोई लड़की
No comments:
Post a Comment